केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की छुट्टी से जुड़े नियमों (Leave Rules) पर लीव FAQ जारी किया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि कोई भी कर्मचारी लगातार पांच साल तक छुट्टी (5 साल की छुट्टी नीति) नहीं ले सकता।
अगर कोई कर्मचारी ऐसा करता है, तो उसे सरकारी सेवा से हटाया जा सकता है। नियमितता बनाए रखने के लिए यह नया नियम कर्मचारियों की अनुपस्थिति को नियंत्रित करेगा।
इतनी छुट्टियों को इस्तीफा कहा जाएगा- एक सवाल के जवाब में कहा गया कि पांच साल से ज्यादा लगातार अनुपस्थित रहने का मतलब है कि कर्मचारी ने सरकारी छुट्टी के नियमों का उल्लंघन किया है। विदेशी सेवा इस नियम से बाहर है, चाहे अनुपस्थिति छुट्टी के साथ हो या बिना छुट्टी के।
छुट्टियों से जुड़ी जानकारी के अनुसार, एलटीसी (जाने की अनुमति) से पहले नकदीकरण स्वीकृत (Leave Encashment) होना चाहिए। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय (DoPT) ने कहा कि एलटीसी पर नकदीकरण (Leave Encashment) की अनुमति कुछ परिस्थितियों में समय सीमा के भीतर दावा प्रस्तुत करने के लिए दी जा सकती है। इसे पोस्ट फैक्टो स्वीकृति (Post facto approval) तरह दिया जा सकता है, लेकिन इसे अपवाद माना जाएगा।
केंद्र सरकार ने पढ़ाई के दौरान कर्मचारियों को मिलने वाली अधिकतम छुट्टी तय कर दी है। सरकारी छुट्टी नियमों के अनुसार, सामान्य कर्मचारियों के लिए यह सीमा कुल सेवा अवधि के 24 महीने तक है। एक बार में 12 महीने से अधिक की छुट्टी नहीं दी जा सकती। हालांकि, विशेष श्रेणी के अधिकारियों को पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए 36 महीने तक की छुट्टी मिल सकती है।
छोटे बच्चों की देखभाल करने वाली महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव (Child Care Leave) मिलती है। अगर किसी महिला कर्मचारी का बच्चा विदेश में पढ़ रहा है या उसे बच्चे की देखभाल के लिए विदेश जाना है, तो वह इस उद्देश्य से छुट्टी ले सकती है। लेकिन यह अवकाश मंत्रालय द्वारा निर्धारित कुछ अन्य शर्तों के अधीन ही लिया जा सकेगा।
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