नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) के कर्मचारी पक्ष ने हाल ही में सुझाव दिया कि 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) की शर्तों में महंगाई भत्ते (डीए) को मूल वेतन में मिलाने का क्लाउज शामिल किया जाना चाहिए।
कर्मचारी पक्ष ने यह भी कहा कि 8वें वेतन आयोग को महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR)का प्रतिशत निर्धारित करना चाहिए, जिसे क्रमशः वेतन और पेंशन में मिलाया जाना चाहिए।
1996 से 2006 तक 5वें वेतन आयोग के कार्यकाल के दौरान महंगाई भत्ते (डीए) के 50% पार करने पर मूल वेतन में विलय का नियम लागू था। इस नियम के मुताबिक 2004 में डीए को मूल वेतन में मिला दिया गया था। हालांकि 2006 से 2016 के बीच चले छठे वेतन आयोग ने DA को मूल वेतन में विलय करने के लिए इस नियम को हटा दिया। 2016 में 7वें वेतन आयोग ने इस नियम को वापस लाने की सिफारिश की, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया।
8th Pay Commission: 7वें वेतन आयोग में क्या नियम चल रहा है।
7वें वेतन आयोग का मानना था कि कॉन्सोलिडेटेड वेतन पैकेज में संशोधन को केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दी जाने वाली छमाही महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। हालांकि महंगाई दर के कारण क्रय शक्ति में कमी को देखते हुए 7वें वेतन आयोग ने सिफारिश की कि महंगाई भत्ते में 50% की वृद्धि होने पर समेकित वेतन पैकेज में 25% की वृद्धि की जा सकती है।
No comments:
Post a Comment